उत्तरकाशी
उत्तराखंड में ग्राम पंचायतों के कार्यकाल खत्म हुए लगभग 8 महीने बीत चुके हैं ऐसे में सरकार द्वारा ओडिनेंश लकार जिला पंचायत अध्यक्षों एवं ग्राम प्रधानों को 6 महीने के लिए प्रशासक की जिम्मेदारी दी गयी थी ओर उनका कार्यकाल भी समाप्त हो चुका है ऐसे में सरकार की मंशा पर अब जन प्रतिनिधि सवाल खड़े करने लगे हैं
जिला पंचायत संगठन के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप भट्ट का कहना है कि निर्वाचन आयोग ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली है मतदाता सूची का प्रकाशन भी हो चुका है पर सरकार की मंशा चुनाव करवाने की नहीं लग रही है उल्टा जिला पंचायत अध्यक्षों को एक बार फिर प्रशासक नियुक्त करने की तैयारी में है जबकि आज से पहले पंचायतों के कार्यकाल खत्म होने के बाद जिला अधिकारी को प्रशासक नियुक्त किया जाता था आखिर पंचायत राज सचिव कोन सा ऐसा गेम खेल रहे हैं जिससे संवैधानिक संकट खड़ा हो गया है वहीं कांग्रेस पार्टी का कहना है कि सरकार सबसे छोटी सरकार यानी ग्राम पंचायत को ही खत्म करना चाहती है इसी लिए बार-बार जिला पंचायत अध्यक्षों को प्रशासक नियुक्त कर रही है ऐसे में जल्दी ही कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल राज्यपाल से मुलाकात कर उत्तराखण्ड की स्थिति से अवगत करायेगा