चारधाम यात्रा से पहले टेंसन में सरकार । घोड़े-खच्चरों में इक्वाइन इन्फ्लुएंजा की पुष्टि ।

उत्तरकाशी / देहरादून

रिपोर्ट महावीर सिंह राणा

चारधाम यात्रा से पहले सरकार का टेंसन बढ़ गया है । यात्रा मार्ग पर चलने वाले घोड़े-खच्चरों में इक्वाइन इन्फ्लुएंजा की पुष्टि हुई है । यात्रा मार्ग में घोड़े-खच्चरों में संक्रामक रोग इक्वाइन इन्फ्लुएंजा की पुष्टि होने के बाद सरकार सतर्क हो गई है और यात्रा मार्ग पर चलने वाले सभी घोड़ा और खच्चरों का सैंपल लिया जा रहा है । चारधाम यात्रा से पहले इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में रोगग्रस्त पशुओं को चारधाम यात्रा में शामिल नहीं होने दिया जाएगा । पशुपालन मंत्री ने स्पष्ट किया कि चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले सभी घोड़े-खच्चरों की अनिवार्य स्क्रीनिंग होगी। उन्होंने संबंधित जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि रुद्रप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी, बागेश्वर और चमोली जिलों में पशु स्वास्थ्य परीक्षण अभियान चलाया जाए।

ये भी पढ़ें:  महाविद्यालय उत्तरकाशी के चित्रकला विभाग में दो दिवसीय परिषदीय वार्षिक चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन

इसके अलावा, बाहर से आने वाले घोड़े-खच्चरों को भी स्वास्थ्य प्रमाणपत्र और इक्वाइन इन्फ्लुएंजा की निगेटिव रिपोर्ट के बिना उत्तराखंड में प्रवेश नहीं मिलेगा। सीमावर्ती इलाकों में पशु रोग नियंत्रण चौकियों पर हर घोड़े-खच्चर की जांच अनिवार्य कर दी गई है।
रुद्रप्रयाग जिले में क्वारंटीन केंद्र स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि संक्रमित पशुओं को अलग रखा जा सके। यात्रा मार्ग में किसी भी संक्रमित पशु के पाए जाने पर तत्काल उसे अलग कर उपचार दिया जाएगा ।जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के आदेश भी दिए गए है ।

राज्य सरकार इस संक्रमण को गंभीरता से ले रही है, क्योंकि चारधाम यात्रा के दौरान हजारों घोड़े-खच्चर तीर्थयात्रियों को लाने-ले जाने का काम करते हैं। ऐसे में संक्रमण फैलने से रोकना सर्वोच्च प्राथमिकता है। स्वास्थ्य विभाग और पशुपालन विभाग संयुक्त रूप से इस पर निगरानी रखेंगे। इस विषय में पशुधन प्रसार अधिकारी सुभाष रावत ने सैंपल लेते हुए बताया की सभी घोड़े और खच्चरों के ब्लड सैंपल लिए जा रहे है उन्हें जाच को भेजा जाएगा और उसके बाद की यात्रा के लिए अनुमति दी जाएगी । वहीं नीरज सिंघल ,निदेशक पशुपालन विभाग , उत्तराखंड ने बताया 417 सैम्पल लिए गए थे जिसमे 12 पोज़ीटिव पाए जाने के बाद अब निर्णय लिया गया है की यात्रा में जीते घोड़े खच्चर लगेंगे उन का सैंपल लिया जाएगा उसके बाद ही लाइसेंस दिया जाएगा । उन्होंने स्पष्ट किया कि ये बीमारी जानवरो से मनुष्यों में ट्रांसफर नहीं होती । वही सैंपल लेने में प्रकाशचंद रावत मनीता रावत मनोज कंसवाल मौजूद रहे 

ये भी पढ़ें:  गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान ने 14 एएनएम को बांटे नियुक्ति पत्र

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *