उद्यमिता : भारत के विकास में उत्प्रेरक और 2047 तक विकसित भारत का निर्माण विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी

उत्तरकाशी
खबर सीमांत जिला उतरकाशी के रामचंद्र उनियाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय उत्तरकाशी से हैं जहां
“उद्यमिता : भारत के विकास में उत्प्रेरक और 2047 तक विकसित भारत का निर्माण” विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के द्वितीय दिवस पर कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डी पी बलोनी डी एफ ओ द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया।आज मुख्य वक्ता के रुप में उत्तराखंड पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी से आये प्रो राज कोविंद के द्वारा लघु उद्यमिता के माध्यम से विकास दर को आगे बढाने की बात कही।


प्रो के के वर्मा ने बाजार की जरूरतों को पहचानने की आवश्यकता पर बल दिया। संगोष्ठी में महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ नेहा गोस्वामी, डॉ दिव्या थापा ,डॉ मनीषा सरवालिया,डॉ सुमिता पंवार के साथ-साथ शोधार्थी अरविंद उनियाल,हेमलता,अंशु ,प्रतिभा, सुरभि रावत आदि के द्वारा अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया गया। शोध पत्र प्रस्तुतिकरण में प्रथम स्थान हेमलता ने प्राप्त किया। उन्होंने ग्रामीण महिलाओं के उद्यमी प्रयास और सतत विकास विषय पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। द्वितीय स्थान रहे अरविंद उनियाल के द्वारा होम स्टे का ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर प्रभाव विषय पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। तृतीय स्थान पर रही सुरभि रावत ने माइक्रो इंटरप्राइजेज इन उत्तरकाशी विषय पर पत्र प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ने कहा कि अच्छा उद्यमी बनने के लिए जुनून की आवश्यकता है।स्वरोजगार आज की जरूरत है।कार्यक्रम की समाप्ति पर प्राचार्य प्रो पंकज पन्त के द्वारा स्थानीय उत्पादों के साथ स्वरोजगार को आगे बढाने पर जोर दिया। उन्होंने कार्यक्रम में आये समस्त प्रोफेसर, अतिथि, शोधार्थियों का आभार जताया। कार्यक्रम में एम एल शाह, राकेश चौधरी और सत्येंद्र गुसाईं को विशिष्ट कार्य हेतु सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक,कर्मचारीगण और छात्र उपस्थित रहे।

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