उत्तरकाशी
रिपोर्ट -महावीर सिंह राणा
भारतीय सेना द्वारा सूर्य देवभूमि चैलेंजिंग प्रतियोगिता का शुभारंभ कल सुवास नेलांग घाटी से किया जायेगा भारतीय सेना उत्तराखंड पर्यटन विभाग के सहयोग से एक ऐतिहासिक यात्रा कि शुरुवात कर रही है जो कि गढ़वाल क्षेत्र में रोमांचक गतिविधि, स्थानीय धरोहर, और सतत विकास को एक नवीन उर्जा प्रदान करेगी।आज हर्षित में जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल डीजी मिश्रा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके उन्होंने बताया कि यहां सैना के द्वारा आयोजन किया जा रहा है जिससे कि यहां पर पर्यटन के अपार संभावना है इसे करने का उद्देश्य यह है कि जो पौराणिक चार धाम यात्रा के मार्ग हैं जो अब कहीं लुप्त हो चुके हैं उनको उजागर करना और एक ट्रैकिंग रोड को विकसित करना ही हमारा उद्देश्य है इसमें चैलेंजिंग सबसे ज्यादा है और अभी हम उन्हीं युवाओं को भेज रहे हैं जो इसमें एक्सपर्ट हैं और जिन्होंने पहले भी ट्रैकिंग और रनिंगकी है
बहुप्रतीक्षित सूर्य देव भूमि चैलेंज 2025 आधिकारिक तौर पर 17 अप्रैल को हर्षिल में आयोजित एक रोमांचक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें की संस्कृत कार्यक्रम के साथ-साथ आत्मरक्षा किस तरह से की जाए इसका एक डेमो आर्मी के जवानों द्वारा किया गया
सूर्य देव भूमि चैलेंज भारत का अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है, जो 18 अप्रैल से 20 अप्रैल तक तीन दिनों तक चलने वाले चुनौतीपूर्ण अभियान में साइकिलिंग और ट्रेल रनिंग को अनोखे ढंग से एकीकृत करता है। प्रतिभागी जीवंत सांस्कृतिक परिदृश्यों का भ्रमण करेंगे और अपनी शारीरिक सहनशक्ति और मानसिक लचीलेपन का परीक्षण करते हुए उत्तराखंड की समृद्ध विरासत का अनुभव करेंगे।
– साइकिलिंग अभियानः 18 अप्रैल को 110 किमी मार्ग (नेलांग गंगोत्री – हरसिल – भटवारी)
– ट्रेल रनिंगः 19 अप्रैल को 37 किमी मार्ग (भटवारी – बुद्ध केदार)
– ट्रेल + वैली रनः 20 अप्रैल को कुल मार्ग (धुद्ध त्रियुगीनारायण सोनप्रयाग) 40 किमी
चैलेंज के दौरान यात्रा किए गए मार्ग उत्तराखंड के कुछ सबसे शानदार और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण परिदृश्यों से होकर गुजरते हैं, जो एक अविस्मरणीय यात्रा के लिए मंच तैयार करते हैं।
उद्घाटन समारोह में, मुख्यालय उत्तर भारत क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल डी जी मिश्रा ने सेना, नागरिक प्रशासन और स्थानीय समुदायों के सहयोगात्मक प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “यह पहल न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा बल्कि राष्ट्र निर्माण के लिए भी भारतीय सेना की अटूट प्रतिवद्धता का उदाहरण है। हमें हिमालय को स्थायी अवसरों के केंद्र में बदलने में उत्तराखंड के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने पर गर्व है।”
सूर्य देव भूमि चैलेंज के मुख्य उद्देश्यों में ऐतिहासिक पुराने चार धाम मार्ग को पुनर्जीवित करना, साहसिक और शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देना, वाइब्रेंट विलेज स्कीम और रिवर्स माइग्रेशन का समर्थन करना और सतत विकास के लिए नागरिक-सैन्य भागीदारी को बढ़ावा देना शामिल है। इस असाधारण आयोजन ने राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया है, जिसमें जमीनी स्तर पर विकास और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण पर जोर देते हुए साहसिक भावना का जश्न मनाया गया। इस चैलेंज को उत्तराखंड पर्यटन, रेडियो मिर्ची (मीडिया एसोसिएट), उत्तरकाशी, नई टिहरी, रुद्रप्रयाग के जिला प्रशासन, स्थानीय पंचायतों और सामुदायिक स्वयंसेवकों सहित विभिन्न हितधारकों