उत्तरकाशी
रिपोर्ट -महावीर सिंह राणा
जनपद उत्तरकाशी मुख्यालय में एरावत पर्वत पर स्थित मां कुटेटी देवी मन्दिर जहां साल भक्तों की भीड़ लगी रहती है पर नवरात्राओं में यहां का महत्व ही कुछ और है सुवाह चार बजे से भक्तों की भीड़ यहां लगनी सुरू हो जाती है ओर लोग मां भगवती राजराजेश्वरी कुटेटी देवी की पूजा अर्चना करते हैं इस मन्दिर के बारे में बताया जाता हैं कि पोराणिक काल में जब राजस्थान के कोटा के राजा गंगोत्री धाम के दर्शन के लिए यहां आये थे तो काशी-विश्वनाथ मन्दिर प्रांगण में रात्रि विश्राम के समय उनका मुद्राओं से भरा बैग कहीं गुम हो गया राजा ओर उनकी सेना के सामने गहरा संकट उत्पन्न हो गया राजा ने भगवान काशी-विश्वनाथ एवं मां गंगा से विनिती की तो भगवान काशी-विश्वनाथ ने राजा को सपने में दर्शन देकर कहा कि उनको मुद्रा से भरा बैग मिल जायेगा पर उन्हें अपनी पुत्री का विवाह यहां के किसी युवक से करनी पड़ेगी राजा ने यह सर्त स्वीकार कर ली ओर विश्व नाथ मन्दिर में स्थित पीपल के पेड़ के नीचे उनका मुद्राओं से भरा बैग मिल गया जिससे राजा ने प्रशंन होकर गंगोत्री धाम की यात्रा पूरी कर अपने राज्य में लोट गया धीरे-धीरे समय बीत गया ओर राजा वचन भूल गया ओर उनके राज्य में अकाल पड़ गया फिर राजा को अपना वचन याद आया ओर यहां के युवक से उन्होंने अपनी पुत्री का विवाह कर दिया राजा अपनी बेटी ओर दामाद को अपने महल में ले गया पर राजा की पुत्री के सपनों में कूटेटी देवी ने दर्शन दिए और अपनी ससुराल में अपने पति के साथ हल चलाने को कहा राजा की पुत्री ओर दामाद यहां पहुंचे ओर खेत में हल चलाने लगे इसी बीच हल के टकराने से एक पत्थर की मूर्ति उत्पन हुई जो आज भी मन्दिर में सुरक्षित हैं ओर उस पर हल का निशान है राजा के बेटी ओर दामाद ने सभी क्षेत्र वासियों के साथ यहां पर मन्दिर की स्थापना की धीरे-धीरे देवी का चमत्कार दिखना शुरू हो गया ओर यह देवी जनपद उत्तरकाशी के साथ चारधाम यात्रा पर आने वाले लोगों का आस्था का प्रमुख केन्द्र बन गयी साथ ही इस मन्दिर में जनपद उत्तरकाशी की नव विवाहित महिलाओं का शादी के बाद एक बार दर्शन करना अनिवार्य है इसके पीछे मान्यता है कि अगर नवविवाहिता महिला अपने पति के साथ यहां दर्शन करने नहीं पहुंचती है तो उन्हें संतान प्राप्ति में भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है
नवरात्राओ में यह हजारों की संख्या में लोग प्रतिदिन भीड़ लगी रहती है इनमें कहीं लोग ऐसे भी होते हैं जो मनोकामनाएं पूर्ण होने पर माता का धन्यवाद करने यहां पहुंचते हैं
मां कुटेटी देवी जहां के दर्शन मात्र से भक्तों की मनोकामनाएं होती है पूरी नवरात्राओ में हजारों की संख्या में पहुंचते हैं भक्त
