उत्तरकाशी
रिपोर्ट महावीर सिंह राणा
जहां उत्तराखण्ड की संस्कृति विलुप्त होती जा रही है वहीं अपने गीतों के माध्यम से कीर्ति बंसल लोगों को जागरुक कर रहे हैं ताकि उत्तराखण्ड की संस्कृति बची रहे लोक गायक कीर्ति बंसल बताते हैं कि जब मे उतराखंडी प्रभासी भाईयों के बीच दिल्ली सांस्कतिक कार्यक्रम के लिए पंहुचा तो जो मैने उनके मन्नो की बात जानी तो लगा कि सभी लोग किसी न किसी वजह से अपने घरों से पलायन करने पर मजबूर रहे होगे ,इसका कारण बैरोजगारी, जैसी कही समस्या है ,फिर भी उतराखंण्डी सभी भाईयो व बहनो से बात करके मुझे ये अनुभव हुआ कि। उतराखंडी जहा भी रहे वो अपनी संस्कृति को बचाने का कार्य कर रहे है ,ओर हमे भी गर्व है कि हम उतराखंडी है
आगे भी हमे अपनी संस्कृति को बढाने ,व जीवित रखने के लिए अग्रसर रहना होगा, ताकि आने वाली हमारी पीढी को अपनी पौराणीक संस्कृति को पहचान सके, ओर अन्य प्रदेशो कि भांति उत्तराखण्ड व पहाड़ की संस्कृति को विश्व के हर कोनों मे पहचान मिल सके । अपनी संस्कृति के लिए एक प्रयास अपने गीतो के माध्यम से करता रहता हू । इन्होंने जीतू बगड़वाल पर एक सुंदर गीत लिखा है जो काफी सुप्रसिद्ध हुआ है उन्होंने बताया है कि हम अभी तक कई सैकड़ो मंचों पर अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं और आगे भी उत्तराखण्ड की संस्कृति बचाने के लिए हम प्रयासरत रहेंगे