दिव्या रामलीला का भाव आयोजन भटवाड़ी के कलाकारों को मिल रहा है उनकी कला का उचित स्थान

उत्तरकाशी
रिपोर्टर महावीर सिंह राणा
उत्तराखंड को देवभूमि यूं ही नहीं कहा जाता है यहां काण काण में ईश्वर का वास होता है वही सनातन धर्म में रामायण को घर-घर पूजा जाता है क्योंकि यहां असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है एक पुत्र के पिता के प्रति क्या कर्तव्य है एक भाई के बड़े के भाई की सेवा का क्या कर्तव्य है वहीं हर साल उत्तराखंड के गांव गांव में रामलीला का भाव और दिव्या आयोजन किया जाता है

वह उत्तरकाशी के चीन सीमा से जुड़ा सीमांत ब्लॉक भटवाड़ी जहां के कलाकारों को दूर दराज इलाकों में रामलीला के मंचन के लिए बुलाया जा रहा है क्योंकि यहां के कलाकारों का रामायण के प्रति एक अलग ही कलाकृति नजर आती है यह लोग जब रामलीला का मंचन करते हैं

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तो खुद उसे अभिनय में डाल देते हैं जिसकी वह पत्र के रूप में अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं इस बार मुन्नी की रेती में मां भद्रकाली गढ़वाली रामलीला समिति मुनि की रेती टिहरी गढ़वाल भटवाड़ी की कलाकारों की टीम को आमंत्रित किया है

जिसमे भगवती प्रसास नॉटियाल संगीत निर्देशक ,राजपाल रावत डारेक्टर।ओर हनुमान का अभिनय करेंगे संजय सेमवाल डारेक्टर ओर दशरथ का अभिनय करेंगे उत्तराखण्ड के सुप्रसिद्ध भगवान श्री राम के कलाकार अनिल नॉटियाल जिन्होंने कई बड़े बड़े मंचो पर अपना अभिनय करते है लक्ष्मन का अभिनय लोक गायक भगवान सिंह राणा करेंगे रावण का अभिनय सुबोध रतूड़ी जी करेंगे सूरज नॉटियाल विश्वामित्र ओर सुग्रीव का अभिनय करेंगे। सुमित नॉटियाल वशिष्ट ओर विभीषण का अभिनय करेंगे प्रवेश रतूड़ी भरत ,ओर अंगद का अभिनय करेंगे रजत नॉटियाल सुमन्त का अभिनय करेंगे शशि सेमवाल नारद का अभिनय करेंगे

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